अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सफाई
बुधवार, 4 अक्टूबर 2017 (19:15 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली के विज्ञान भवन में कंपनी सेक्रेटरीज को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अर्थव्यवस्था को लेकर हो रही सरकार की आलोचना पर आलोचकों को करारा जवाब दिया। दूसरी ओर उन्होंने यह भी कहा कि हम आलोचनाओं का स्वागत करते हैं और उसके अनुसार सुधार का प्रयास भी करेंगे। आईए जानते हैं नरेन्द्र मोदी ने विज्ञान भवन में आखिर क्या कहा...
* पिछले दिनों हमारी आर्थिक नीतियों की आलोचना हुई। हम आलोचनाओं का स्वागत करते हैं।
* अर्थव्यवस्था पर आलोचकों की बात को ध्यान में रखकर सुधार की कोशिश करेंगे।
* देश में निराशा का भाव पैदा करने से बचना चाहिए।
* मैंने जो पैरामीटर दिखाया है, वह सरकार की गति दिखाता है।
* हम नए भारत के निर्माण के लिए नया उत्साह दिखाएं।
* क्या आप वादा कर सकते हैं कि 2022 तक एक भी शेल कंपनी नहीं रहेगी।
* क्या आप 2022 तक संकल्प ले सकते हैं कि हर कंपनी ईमानदारी से जीएसटी भरेगी?
* जो प्रतियोगी परीक्षा में असफल हो जाते हैं, उनके लिए मैं काम ले आया
* कम से कम 1 लाख छात्रों को जीएसटी के बारे में ट्रेंड करके उन्हें कमाई के अवसर दें
* भ्रष्टाचार पर हमने नकेल कसी।
* नोटबंदी के बाद 3 लाख संदिग्ध कंपनियों का पता चला।
* 2 लाख 10 हजार कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए गए।
* उम्मीद है कि कंपनियों में भी पारदर्शिता आएगी।
* देश में ईमानदार और पारदर्शिता के महत्व को समझा जाने लगा है।
* समय की मांग है कि आप नए बिजनेस पैदा करने में देश की मदद करें।
* चुनावी रेवड़ियां बांटने की बजाय देश तरजीह दी।
* इसके लिए मेरी बहुत आलोचना होती है।
* मैं अपने वर्तमान की चिंता के लिए देश के भविष्य को दांव पर नहीं लगा सकता।
* जिसका फायदा बंद होगा वह मुझे पसंद नहीं करेगा।
* मुद्रा योजना के तहत पौने चार लाख करोड़ का कर्ज दिया गया।
* 1993 से लेकर 2014 तक जितना विदेशी निवेश हुआ है, उसकी तुलना में पिछले तीन सालों में ज्यादा हुआ।
* कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 75 फीसदी निवेश।
* हार्डवेयर सेक्टर में 53 फीसदी विदेशी निवेश।
* माइनिंग सेक्टर 56 फीसदी निवेश।
* टेक्सटाइल सेक्टर में 45 फीसदी निवेश।
* एलईडी बल्ब की कीमत 40 रुपए की, जो कि पहले 350 रुपए का था।
* एलईडी बल्ब से मध्यम वर्ग को 6500 करोड़ रुपए की बचत हुई।
* देशवासियों के 20 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई।
* एलईडी की वजह से छोटे शहरों का बिल 10 से 15 हजार करोड़ कम हुआ।
* पिछली सरकार ने 15000 करोड़ की योजनाओं को मंजूरी दी, जबकि हमारी सरकार ने 1 लाख 53 हजार करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी।
* पिछली सरकार की तुलना में हमें दोगुनी से ज्यादा रेल लाइन बिछाई है।
* नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वर्तमान सरकार ने पिछली सरकार की तुलना में दोगुना काम किया।
* पॉलिसी बनाने और उसे क्रियान्वित करने की हमारी
* ग्रामीण इलाकों में 50 फीसदी से ज्यादा सड़कों का निर्माण।
* पिछली सरकार बीमा क्षेत्र में रिफॉर्म नहीं कर पाई। इसलिए अब उन्हें यह रिफॉर्म बड़ा नहीं लगता।
* जो सुधार पिछली सरकार के जमाने में हैडलाइन हुआ करता था, वह अब दिखाई नहीं देता है।
* सुधार का गीत गाने वाले सुन लें हमने 87 सुधार किए।
* अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाने वाले लोगों से प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी ट्रैक्टर की बिक्री 34 फीसदी बढ़ी है।
* शहरी क्षेत्रों में भी उपभोक्ताओं की मांग बढ़ी।
* हवाई यात्रियों की संख्या 12 फीसदी बढ़ी है।
* जीएसटी में जरूरत के मुताबिक बदलाव करेंगे।
* देश में टेलीफोन खरीदने वाले 14 फीसदी बढ़े।
* जून 2017 के बाद कारों की बिक्री 12 फीसदी में वृद्धि हुई है।
* एफएमसीसजी सैक्टर में भी वृद्धि दर्ज की गई है।
* 50 फीसदी से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण हुआ।
* पिछली सरकार ने अपने अंतिम तीन वर्ष के कार्यकाल में 15 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया, जबकि 34 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण का काम हुआ है।
* हमारी सरकार ने समय और संसाधनों के सही इस्तेमाल पर जोर दिया है।
* व्यापारियों को डर है कि पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे। उन्हें डरने की जरूरत नहीं है, ऐसा नहीं होगा।
* ईमानदारी की मुख्यधारा में आपका स्वागत है। पुरानी चीजें वहीं छोड़ दीजिए।
* जीएसटी के तहत तीन महीनों के अनुभव के आधार पर जो भी परिवर्तन होगा, किए जाएंगे।
* जीएसटी पर हर दिक्कत की समीक्षा की जाएगी।
* ऐसा पहले होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
* यह सही दिशा में जाने का प्रयास। हम यह दावा नहीं करते कि हमें सब कुछ आता है।
* ईमानदार लोगों के हितों की सुरक्षा की जाएगी। उन्हें प्रीमियम मिलेगी।
* सरकार हर सेक्टर की मदद के लिए तैयार है।
* मैं भरोसा दिलाता हूं कि सरकार के इस कदम से देश अलग पंक्ति में खड़ा होगा।
* अर्थव्यवस्था में बदलाव के लिए कई फैसले लिए हैं, आगे भी लेते रहेंगे।
* भारत की तरक्की आलोचकों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
* मैं न तो अर्थशास्त्री हूं न ही मैंने कभी ऐसा होने का दावा किया है।
* अर्थव्यवस्था में सुधार कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रहा है।
* बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों के होते हुए भी भारत को फ्रेजाइल 5 में जोड़ा गया।
* हमें सोचना होगा कि कुछ लोग देश हित में काम कर रहे हैं या दूसरों के हित में।
* पिछली सरकार के कार्यकाल में 8 बार 5.7 फीसदी आई जीडीपी।
* एक तिमाही में जीडीपी घटने से लोगों को आलोचना की खुराक मिली।