इस अवसर पर मोदी ने कहा कि 22 साल की साधना के बाद रामचरित मानस का यह स्वरूप सामने आया है। मुझे बताया गया कि यह लगभग 900000 घंटों की रिकार्डिंग है तो बड़ा आश्चर्य हुआ। रामचरित मानस हमें मयार्दा और संस्कार की शिक्षा देती है। समाज, परिवार व्यवस्था का आदर्श उदाहरण है रामचरित मानस। मैं भोपाल आकाशवाणी को इसके लिए धन्यवाद देता हूं। भोपाल में कुछ दिनों बाद हिन्दी सम्मेलन भी होने वाला है। मेरी गुजारिश है कि मॉरीशस, त्रिनिदाद गए लोग रामचरित मानस साथ ले जाना नहीं भूले।