’स्थानीय सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में ‘भारत की बात , सबके साथ’ कार्यक्रम के दौरान मोदी ने कहा कि जब ‘किसी ने आतंक के निर्यात की फैक्टरी लगा ली हो और हम पर पीछे से हमले की कोशिशें करता हो तो मोदी उसी भाषा में जवाब देना जानता है। ’ दर्शक दीर्घा में बैठे एक शख्स ने जब सर्जिकल हमलों पर सवाल किया तो मोदी ने जवाब में कहा कि जिन्हें आतंक का निर्यात पसंद है, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि भारत बदल गया है और उनके पुराने तौर-तरीकों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिस शख्स ने यह सवाल किया उसे बोलने में समस्या आ रही थी। उसने एक शख्स की मदद से मोदी से सर्जिकल हमलों पर सवाल किया जिस पर प्रधानमंत्री ने जवाब दिया और उस व्यक्ति की हिम्मत एवं समर्पण की तारीफ की।
उन्होंने कहा कि हम शांति में यकीन रखते हैं, लेकिन हम आतंक का निर्यात करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम उन्हें करारा जवाब देंगे और उसी भाषा में देंगे जिसे वे समझते हैं। आतंकवाद कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें सेना पर गर्व है, क्योंकि उन्होंने सटीकता के साथ सर्जिकल हमलों को अंजाम दिया और सुबह होने से पहले ही अपना काम पूरा कर वह लौट आई।
मोदी ने बताया कि कैसे भारत ने हमलों के बारे में पहले पाकिस्तान को सूचित किया और फिर मीडिया एवं लोगों को बताया। उन्होंने कहा कि मैंने कहा कि जब भारत को पता चले उससे पहले ही हमें पाकिस्तान को कॉल करके बता देना चाहिए। हम उन्हें सुबह 11 बजे से ही फोन कर रहे थे लेकिन वे फोन पर आने से भी डरे हुए थे। 12 बजे हमने उनसे बात की और तब भारतीय मीडिया को बताया। भारत के इतिहास का जिक्र कर मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत किसी के भू-भाग पर कब्जा करने के बारे में नहीं सोचता।
मोदी ने कहा कि पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हमारा कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन हमारे सैनिकों ने युद्ध में हिस्सा लिया। ये बड़े त्याग थे। संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा बलों में हमारी भूमिका को देखिए। यह पूछे जाने पर कि सेना की वीरता पर सवाल उठाने वाले कुछ लोगों के बारे में वह क्या सोचते हैं, इस पर मोदी ने कहा कि वह इस मंच का इस्तेमाल किसी की आलोचना के लिए नहीं करना चाहते।