मोदी सरकार की योजनाएं अच्छी, महंगाई के मोर्चे पर नाकाम
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपनी सत्ता के दो वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। चूंकि अच्छे दिन लाने का वादा करने वाले मोदी से लोगों को उम्मीदें काफी हैं, इसलिए उनके कामकाज का लेखाजोखा भी शुरू हो गया है। वेबदुनिया ने भी अपने पाठकों से एनडीए सरकार के प्रदर्शन को लेकर राय जानी। लोगों ने महंगाई के मामले में तो निराशा जाहिर की, लेकिन उनका मानना था कि सरकार की योजनाएं अच्छी हैं।
लोगों का यह भी मानना है कि मोदी सरकार सही दिशा में काम कर रही है। उन्हें और समय दिए जाने की जरूरत है। 67 साल के गड्ढे भरने के लिए मोदी को 15 साल तो चाहिए। इस बात को लेकर भी लोग संतोष व्यक्त करते हैं कि केन्द्र सरकार के कोई घोटाले सामने नहीं आए।
हालांकि कुछ लोग यह भी मानते हैं कि इस सरकार ने जुमलेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं किया। देश दो साल पहले जहां था, वहीं है। रोजगार के अवसरों में इजाफा नहीं हुआ, वहीं महंगाई भी अनियंत्रित है। लोगों इस बात पर भी निराशा जाहिर की कि सरकार ने राम मंदिर, धारा 370, काला धन और गोहत्या के मामले में कुछ खास कदम नहीं उठाया।
यमन में फंसे लोगों की वतन वापसी, नरेन्द्र मोदी का अफगानिस्तान से अचानक बिना किसी योजना के पाकिस्तान जाना संभवत: लोगों को पसंद आया। इसीलिए करीब 50 फीसदी लोगों ने माना कि विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा, वहीं 19 फीसदी ने इसे अच्छा बताया। करीब 21 फीसदी लोगों ने इसे खराब भी करार दिया।
हालांकि ज्यादातर लोगों ने माना कि सरकार महंगाई से निपटने में नाकाम रही। करीब 37 फीसदी लोगों ने महंगाई के मामले में सरकार के कामकाज को खराब बताया। मात्र 12 फीसदी लोगों ने ही इसे बहुत अच्छा बताया। करीब 30 फीसदी लोगों ने माना कि सरकार का आर्थिक मोर्चे पर प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। हालाकि 27 फीसदी ने इसे खराब भी बताया।
रोजगार के उद्देश्य से चलाई जा रही सरकार की स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया, मेकइन इंडिया, स्किल इंडिया जैसी योजनाओं को लोगों ने पसंद किया। रोजगार के क्षेत्र सरकार के प्रयासों को 33 फीसदी लोगों ने बहुत अच्छा बताया। सरकार की गैस सब्सिडी, जन धन योजना, बीमा योजना आदि को भी लोगों ने काफी सराहा। करीब 41 फीसदी लोगों ने इन योजनाओं को बहुत अच्छा बताया। मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को भी 35 फीसदी लोगों ने बहुत अच्छा बताया।
इसमें कोई संदेह नहीं सरकार की 'नमामि गंगे योजना' की घोषणा सराहनीय थी, लेकिन इस दिशा में कोई खास काम दिखाई नहीं दिया है। इसीलिए 37 फीसदी लोगों ने इस योजना को खराब बताया है। कृषि क्षेत्र में भी सरकार के प्रदर्शन पर लोगों ने निराशा जाहिर की। लोग यह भी मानते हैं कि मोदी और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों के बीच समन्वय का अभाव है।