न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया की खंड़पीठ ने 16 साल पुराने इस मामले में आज फैसला सुनाया। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कोडनानी के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके। बाबू बजरंगी, जिसकी दोषसिद्धि अदालत ने बरकरार रखी है, उसका नाम षडयंत्रकारियों में शामिल था।