नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया कि मायावती ने कहा कि इन चुनावों में पार्टी को पिछडों और सवर्णों के अलावा अनुसूचित जाति के पासी, धोबी, सोनकर, वाल्मीकि और कोरी समाज ने वोट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मायावती ने एक बैठक में पार्टी संस्थापक कांशीराम को भी नीचा दिखाया और जब मैंने इसका विरोध किया तो मेरे खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी।