कश्मीर के डिप्टी ग्रैंड मुफ्ती नसीरुल इस्लाम को आजाद भारत में भी नया पाकिस्तान चाहिए। नसीरुल इस्लाम जैसे मुल्ला, मौलवियों को देश की सरकार को यह बात साफ कर देना चाहिए कि वे 1947 के नहीं वरन् 2018 के भारत में हैं।
वैसे नसीरुल इस्लाम को नया पाकिस्तान बनाने की बात कहने की जरूरत ही क्या है, उनकी चाहत तो पाकिस्तान जाकर भी पूरी हो सकती है। शायद नसीरुल इस्लाम को पाकिस्तान में मुस्लिमों के लिए दुनिया की जन्नत दिखती ही होगी।
कश्मीर के नायब मुफ्ती ने कहा- अब भारत से अलग होना ही एक मात्र रास्ता है, मुसलमान बदहाल हैं, सरकार सुनती नहीं है। मुफ्ती ने कहा है कि- भारत में मुसलमान दयनीय हालत में गुजर-बहस कर रहे हैं। सरकार उनकी बातें नहीं सुन रही है।
मुफ्ती नासिर-उल- इस्लाम कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती बशीरुद्दीन के पुत्र हैं, जिन्होंने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए वादी में सेटलाइट सिटी बसाने का विरोध किया था। डिप्टी मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर भी विरोध जता चुके हैं, जिसमें शरिया अदालतों को अवैध करार दिया गया था।
जब 2014 में यह फैसला आया था, तब मुफ्ती ने कहा था कि मजहबी मामलों में वह दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम अपने तीखे बयानों के लिए जाने जाते हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सेना पर एफआईआर दर्ज किए जाने की घटना की निंदा की है और इसे शर्मनाक करतूत बताया है। स्वामी ने भड़कते हुए अंदाज में कहा कि ऐसी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।