कश्‍मीर में एक बार फिर क्रिकेटरों ने गाया पाकिस्तानी राष्ट्रगान

सुरेश एस डुग्गर

रविवार, 7 जनवरी 2018 (20:56 IST)
जम्‍मू। जम्मू कश्मीर के बांडीपोरा इलाके में एक बार फिर क्रिकेट खिलाड़ियों को पाकिस्तान की जर्सी पहनकर खेलते हुए देखा गया है। दोनों टीमों ने पाकिस्तान का राष्ट्रगान भी गाया। इससे साफ जाहिर होता है कि कश्मीर की फिजाओं में अलगाववाद का जहर किस कदर फैल गया है कि स्थानीय स्तर पर खेले जाने वाले खेल भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं।

पुलिस ने दो क्रिकेट टीमों के खिलाफ पाकिस्तान का राष्ट्रगान गाने को लेकर मामला दर्ज किया है और चार युवकों को हिरासत में भी लिया है। वाकया स्थानीय स्तर पर एरिन में खेले जा रहे टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले के शुरू होने से पहले का है।

इसमें गोंडीपोरा और दर्दपोरा क्रिकेट क्लब की टीमों के बीच मैच खेला जा रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को देखने के बाद पुलिस ने खिलाड़ियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और चार को धरदबोचा। वीडियो में दोनों टीमों के खिलाड़ी राष्ट्रगान करते हुए दिखाई देते हैं।

खिलाड़ी दो पक्तियों में खड़े हैं, एक टीम के खिलाड़ियों ने हरी जर्सियां पहनी हैं और एक ने सफेद। वीडियो में पाकिस्तान का राष्ट्रगान लाउड स्पीकर पर बजता सुनाई देता है, जिसके दौरान खिलाड़ियों ने सिर झुकाए हुए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और बुजुर्ग ग्रामीणों से भी इस बारे में बात की गई है। पुलिस आयोजकों और दूसरे आरोपी खिलाड़ियों की तलाश कर रही है। रियल कश्‍मीर न्‍यूज नाम के फेसबुक पेज पर शेयर की गई मामले की तस्वीर और खबर पर लोग तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।
 
तौसीफ कश्मीरी नाम के यूजर ने कमेंट में लिखा - खिलाड़ी पागल हो रहे हैं, उन्हें राजनीति में न फंसते हुए क्रिकेट के नियमों के मुताबिक खेलना चाहिए। एक यूजर ने कहा कि अच्छा होगा जब तुम कश्मीर छोड़ दोगे। इस पर एक और यूजर ने कहा कि कश्मीर तुम्हारे बाप नहीं है जो इन्हें पाकिस्तान भेजें।
 
कश्मीर में पाकिस्तान का समर्थन करने का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले कई मामले सामने आ चुके हैं जब कश्मीर की कई जगहों पर पाकिस्तानी झंडे फहराए गए और पड़ोसी मुल्क के लिए नारे भी लगाए गए। भारत सरकार कई वर्षों से कश्मीरियों को समझाने की कोशिश कर रही है वे देश से अलग नहीं हैं।
 
तमाम सरकारी कोशिशों के बावजूद सूबे में अलगाववादियों का नेटवर्क कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मीडिया के कुछ स्टिंग ऑपरेशनों में यह तक सामने आ चुका है कि कुछ लोग पैसे लेकर कश्मीर में देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। इनमें पत्थरबाजों के नाम भी शामिल हैं।

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