सेना दिवस के मौके पर सैनिकों को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा कि चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवाद जारी है और सेना चीन की तरफ से अतिक्रमण रोकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, (चीन के साथ) वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा मुख्य कर्तव्य है।
सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के रास्ते भारत में आतंकियों की घुसपैठ में लगातार मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें सबक सिखाने के लिए हम अपने पराक्रम का इस्तेमाल कर रहे हैं। रावत ने कहा, आतंकवादी और उनके आका नई तरकीब अपनाकर देश के भीतर कई चुनौतियां पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाना, लेफ्टिनेंट उमर फय्याज की हत्या सहित जम्मू कश्मीर के सैनिकों और पुलिसकर्मियों पर हमला करना राष्ट्रीय एकता पर हमला करने और समाज को बांटने का प्रयास है। कुलगाम जिले के युवा सेना अधिकारी फय्याज की पिछले साल मई में उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वे अपने एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने शोपियां गए हुए थे।
उन्होंने कहा कि सेना आतंकवादियों पर दबाव बनाने के लिए अन्य सुरक्षाबलों के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सेना राष्ट्र के सामने मौजूद किसी भी खतरे से निपटने को तैयार है। पिछले साल की शुरुआत से सेना ने जम्मू कश्मीर में आतंक विरोधी आक्रामक नीति अपनाई थी और इसी के साथ उसने नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघनों का जैसे को तैसा रुख के साथ बलपूर्वक जवाब दिया है। (भाषा)