हालांकि व्यवस्थाएं संभालने वाले वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का कहना था कि वैष्णो देवी यात्रा के दौरान कोरोना महामारी को लेकर जारी दिशा निर्देशों का श्रद्धालु पालन कर रहे हैं। श्रद्धालु मास्क पहनने के साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रख रहे हैं। वहीं कोरोना महामारी को लेकर श्राइन बोर्ड प्रशासन भी अलर्ट है। कटड़ा रेलवे स्टेशन, कटड़ा हेलीपैड, दर्शनीय ड्योढ़ी तथा नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं के कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं।
नवरात्रों की तैयारियों के लिए भवन प्रांगण में स्थित सरस्वती भवन में श्राइन बोर्ड की ओर से विशाल शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यह शतचंडी महायज्ञ नवरात्र में शुरू होगा। इसमें करीब 31 प्रकांड पंडित पूजा-अर्चना चौबीसों घंटे करेंगे। महायज्ञ में देशभर से आने वाले श्रद्धालु भाग ले सकें, इसके लिए श्राइन बोर्ड की ओर से विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं।
अधिकारी कहते हैं कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए आधार शिविर कटड़ा से लेकर भवन तक श्राइन बोर्ड व स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी तरह के इंतजाम किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने आधार शिविर कटड़ा में श्रद्धालुओं की जांच के लिए कटड़ा रेलवे स्टेशन के साथ ही कटड़ा हेलीपैड, दर्शनी ड्योढ़ी व नए ताराकोट मार्ग के प्रवेशद्वार पर कोविड-19 टेस्ट सेंटर बनाए हैं।
वहीं, वैष्णो देवी भवन के साथ ही सभी मार्गों पर श्राइन बोर्ड की ओर से महत्वपूर्ण स्थानों पर ऑटो सेंसर सैनिटाइजर स्थापित करने के साथ ही थर्मल स्कैनर से श्रद्धालुओं की निरंतर जांच की जा रही है। वैष्णो देवी भवन प्रांगण की चौत्र नवरात्र में देसी-विदेशी फल-फूलों से भव्य सजावट की जाएगी। भवन प्रांगण में विशाल में दर्शनार्थियों के लिए स्वागत द्वार पंडाल बनाए जा रहे हैं, जिसमें देश के करीब 100 कारीगर जुटे हुए हैं। वैष्णो देवी भवन व प्रांगण की सजावट के लिए भारत के साथ ही श्रीलंका, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इंग्लैंड आदि देशों से विशेष फल-फूल मंगवाए जा रहे हैं।
अगर आंकड़ों पर जाएं तो इस वर्ष जनवरी से लेकर मार्च महीने तक 13 लाख 22 हजार 808 श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगा चुके हैं, जबकि गत वर्ष इस अवधि के दौरान 12 लाख 52 हजार 734 श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दरबार में नतमस्तक हुए थे। हालांकि, कोरोना महामारी के कारण 18 मार्च 2020 को वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई थी, जो 16 अगस्त 2020 को फिर से शुरू हो गई। पर अब दूसरी लहर के खतरे के कारण खुद श्रद्धालु दूरी बनाने लगे हैं।