छ: क्षेत्रीय भाषाओं में NEET पर हो सकता है विचार

मंगलवार, 10 मई 2016 (22:56 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा छ क्षेत्रीय भाषाओं -तमिल, तेलुगू, मराठी, गुजराती, बांग्ला और असमिया- में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) आयोजित कराने के केंद्र सरकार के अनुरोध पर विचार कर सकता है।
न्यायमूर्ति अनिल. आर. दवे और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह इस मामले में न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह से परामर्श करेगी।
 
सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने शीर्ष अदालत से स्पष्टीकरण चाहा था कि 24 जुलाई को प्रस्तावित दूसरे चरण की एनईईटी परीक्षा अंग्रेजी और हिन्दी के अलावा क्या अन्य छह क्षेत्रीय भाषाओं में नहीं हो सकती है?
 
कुमार ने न्यायालय के समक्ष इस बात का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सोमवार की सुनवाई के इस पहलू पर न्यायालय द्वारा पारित आदेश में गौर नहीं किया गया है। इस पर पीठ ने कहा कि हमने यह आप पर छोड़ दिया है।
 
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कल यह आशंका व्यक्त की थी कि अंग्रेजी और हिन्दी के अलावा छ: क्षेत्रीय भाषाओं में प्रश्न पत्र का अनुवाद कराने से प्रश्न पत्र लीक हो सकते हैं। 
 
भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने न्यायालय से कहा था कि चूंकि मेडिकल की पुस्तकें अंग्रेजी के अलावा किसी अन्य भाषा में उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए एनईईटी सिर्फ अंग्रेजी में ही होनी चाहिए। (वार्ता)

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