3. रिफ्यूजी का जीवन क्या होता है, बिना कसूर के अपने घरों से निकाल देने का दर्द क्या होता है, ये दिल्ली से बेहतर कौन समझ सकता है। यहां का कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां बंटवारे के बाद किसी ऱिफ्यूजी का और बंटवारे से अल्पसंख्यक बने भारतीय का आंसू ना गिरा हो।