चौहान ने कहा कि मेरी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी चर्चा हुई, क्योंकि आतंकवादियों के तार केवल प्रदेश में ही नहीं, प्रदेश के बाहर देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी हैं, और यह केवल मध्यप्रदेश का मामला नहीं है।
इससे सहमत होते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने यह फैसला किया है कि इस घटना की जांच एनआईए करेगी ताकि इस घटना के पीछे और भी जो तथ्य और तार हों, उनको भी उजागर किया जा सके। उन्होंने कहा कि जेल से आतंकवादियों का फरार होना अपने आप में बहुत गंभीर घटना है और इसलिये हमने जेल विभाग के चार उच्च अधिकारियों, डीआईजी जेल, जेल अधीक्षक, उप जेल अधीक्षक और सहायक अधीक्षक को निलंबित कर दिया है तथा एडीजी जेल को हटाकर उन्हें पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच पूर्व पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे से कराने का निर्णय किया है। इस जांच में जो तथ्य सामने आएंगे। उसके आधार पर दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस आपराधिक लापरवाही के लिये यदि किसी को नौकरी से बर्खास्त करना पड़े तो वही भी किया जायेगा।
चौहान ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ में आतंकियों के मारे जाने के बाद पूरे प्रदेश ने राहत की सांस ली और प्रदेश की जनता की सुरक्षा को लेकर जो हमारी चिंता थी वह समाप्त हुई। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस को तत्परतापूर्वक कार्रवाई के लिये हम बधाई देते हैं। सिमी आतंकियों और पुलिस के बीच कितनी लम्बी मुठभेड़ चलने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी फिलहाल घटनास्थल पर ही हैं और इस बारे में वही कुछ बता पाएंगे। (भाषा)