बजट में वित्तमंत्री ने 2022-23 के लिए पूंजीगत व्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपए कर दिया था। इससे पिछले साल यह 5.5 लाख करोड़ रुपए था। सीतारमण ने कहा कि यह मुझे काफी प्रेरित करने वाला है, वह भी ऐसे समय जबकि हम अगला बजट तैयार कर रहे हैं। यह भारत को अगले साल के दौरान आगे ले जाने की पिछले कुछ बजट की भावनाओं के अनुरूप होगा।
आम बजट 2023-24 ऐसे समय पेश किया जाना है जबकि कई संस्थानों ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2022-23 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। अगले वित्त वर्ष के बजट में महंगाई, मांग बढ़ाने, रोजगार सृजन और देश की अर्थव्यवस्था को सतत 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की राह पर ले जाने के उपायों पर ध्यान देने की जरूरत होगी।(भाषा)