गडकरी ने शेयर कीं दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की शानदार तस्वीरें, जानिए क्या हैं इसकी खास बातें

शनिवार, 11 फ़रवरी 2023 (14:51 IST)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मो‍दी 12 फरवरी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। यह फेज हरियाणा के सोहना से राजस्थान के दौसा को जोड़ता है। दिल्ली-मुंबई के सोहना-दौसा खिचांव को लोगों के लिए 14 फरवरी से खोल‍ दिया जाएगा। इससे दिल्ली से जयपुर तक के सफर में लगने वाला समय लगभग 2 घंटे कम हो जाएगा। जानिए क्या है इस एक्सप्रेस-वे की खास बातें...
 
केंद्रीय ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विटर पर भारत के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के फेज 1 की खूबसूरत तस्वीरें शेयर की हैं। उन्होंने लिखा कि 1,386 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और वित्तीय राजधानी मुंबई के बीच की कनेक्टिविटी को और भी ज्यादा बढ़ा देगा। उन्होंने बताया कि यह रोड विश्व का सबसे तेज विकसित एक्सप्रेस-वे है।
 
यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी (1,424 किलोमीटर से 1,242 किलो‍मीटर) को 180 किलो‍मीटर तक कम कर देगा। इससे दोनों मेट्रो शहरों के बीच के 24 घंटे का सफर आधे समय में यानी केवल 12 घंटों में ही हो जाएगा।
 
यह 3 राष्ट्रीय नेशनल प्लान्स यानी मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क्स (MMLPs), ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स (जेवर और नवी मुंबई) और पोर्ट्स (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट) को कनेक्टिविटी देगा। इस प्रोजेक्ट को साल 2018 में लॉन्च किया गया था।
 
इस 8 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड मोटर-वे को भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। चूंकि यह एक्सप्रेस-वे 8 से 12 लेन में भी तब्दील हो सकता है अत: इसमें 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया, जाएगा जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है।
इन राज्यों को होगा फायदा : यह वर्ल्ड क्लास एक्सप्रेस-वे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा एवं इन राज्यों के बीच की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। एक्सप्रेस-वे पर 40 से ज्यादा प्रमुख इंटरचेंजेस होंगे, जो कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत से कनेक्टिविटी को साबित करेंगे।
 
वन्य जीवों का खास ख्याल : वन्य जीवन के संरक्षण के लिए एक्सप्रेस-वे को विशेष रूप से इंजीनियर किया गया है। राजस्थान के रणथम्भौर वाइल्डलाइफ सेंचुरी के पास एनिमल 3 अंडरपास और 5 ओवरपास का निर्माण किया गया है। वन्य जीवों को हानि न पहुंचे, इसके लिए मुकुंद्रा सेंचुरी में 8 टनल एवं मेथरन ईको-सेंसिटिव जोन का निर्माण किया गया है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निमार्ण कार्य को 4 भागों में बांटा गया है। इसका निर्माण मार्च 2024 तक पूरा होने का अनुमान है। यह एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश के रतलाम, मंदसौर और झाबुआ को कनेक्ट करता है। राजस्थान में दौसा, टोंक, बूंदी, कोटा, भरतपुर और अलवर को जोड़ेगा। 
 
सफर का समय और प्रदूषण घटेगा : 98,233 करोड़ की लागत में बने इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की नीव 9 मार्च, 2019 में रखी गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेस-वे की वजह से सफर में कम समय लगेगा और सालाना फ्यूल सेविंग्स बढ़ जाएगी एवं CO2 का उत्सर्जन कम से कम 850 मिलियन किलो तक घट जाएगा, जो 40 लाख पेड़ लगाने के बराबर हैं। साथ ही NHAI अपने पर्यावरण संरक्षण के वादे को पूरा करने के लिए 2 लाख पेड़-पौधे भी लगाएगा।
   
आने वाले इले‍क्ट्रिक व्हीकल्स के दौर के लिए गाड़ियों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन्स भी बनाए गऐ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्‍स के मुताबिक, यह एक्सप्रेस वे ट्रॉमा सेंटर्स और हेलिपेड्स जैसी सुविधाओं ले लैस होगा। इसके जरिए एक्सीडेंट के पीड़ितों को समय पर मेडिकल सुविधा एवं बाहर भेजने में आसानी होगी। 

We must do good for wildlife preservation. For the shielding of Wildlife Habitats, we are constructing overpasses, underpasses, and boundary walls on the #Delhi_Mumbai_Expresssway.#BuildingTheNation #PragatiKaHighway #GatiShakti pic.twitter.com/Qa8WIUW9Rv

— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 10, 2023

 

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