नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि जदयू का भाजपा के साथ जाना पहले से तय नहीं था। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में स्वीकार किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में भी नहीं है। एक सवाल के जवाब में कहा कि हम सहयोगी हो सकते हैं, लेकिन पिछलग्गू नहीं हो सकते।
नीतीश ने बेनामी संपत्ति पर लालू परिवार से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि हम किसी को नाहक परेशान नहीं करेंगी, लेकिन मैं भ्रष्टाचार से समझौता नहीं कर सकता। उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई मुझे धर्मनिरपेक्षता का ज्ञान न दें। मुझे किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर जाने जितनी बड़ी नहीं है। बिहार की सेवा करना ही मेरा राष्ट्रीय कर्तव्य नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में गोपालकृष्ण गांधी को वोट देने का फैसला वे नहीं बदलेंगे।