न्यायालय ने केन्द्र को यह सुनिश्चित करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की जांच करने वाले सभी केन्द्र चालू हों ताकि वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण में प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें। शीर्ष अदालत ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा दिये गये सुझावों पर विचार किया।