8 नवंबर के बाद बैंक में जमा और निकासी, उसके बाद खरीदने और बेचने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है। अब तक खरीदे गए सोना, हीरे, विदेशी मुद्रा और अन्य प्रकार के लेन-देन पर नजर रखी जा रही है। इस पर आईटी और ईडी अब कालेधन के खिलाफ दूसरे चरण की तैयारी में लगी है।
जन धन के खातें : खबरें मिल रही है कि केंद्र सरकार की तरफ से किए गए नोट बैन के फैसले के बाद से ही जन-धन खातों में बैंलेंस तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है और सरकार इस पर पैनी नजर बनाए हुए है। हीं जाएगा। जन धन योजना के तहत देशभर में 25.45 करोड़ बैंक खाते खुले हैं। इनमें से लगभग 23 प्रतिशत बैंक खातों में अब तक कोई लेन-देन नहीं हुआ है जबकि शेष खातों में 45,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा राशि है। आठ नवंबर को 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद होने की घोषणा के बाद ऐसी खबरें आयीं है कि देश के अलग-अलग इलाकों में लोग इनका इस्तेमाल काले धन को खपाने के लिए कर रहे हैं।
कुछ इलाकों से खबरें आयीं हैं कि जन धन के खातों में 49,000 रुपये तक जमा हुए हैं। असल में बिना पैन नंबर वाले बैंक खातों में अधिकतम 50,000 रुपये ही जमा हो सकते हैं, इसलिए लोगों ने इतनी रकम जमा की है। बैंकिंग जगत से जुड़े सूत्रों को आशंका है कि जन धन के खातों का इस्तेमाल 500 रुपये और हजार रुपये के पुराने नोट के रूप में रखे गए काले धन को खपा सकते हैं।
सराफा बाजार : खबर ये भी है कि सरकार कालेधन से सोना खरीदने पर सख्ती की तैयारी कर रही है। सरकार सोने के इंपोर्ट पर शिकंजा कस सकती है। ज्यादा सोना खरीदने या बेचने पर आईटी विभाग को जानकारी देनी होगी। सरकार जल्द ही गोल्ड पॉलिसी का ऐलान कर सकती है। साथ ही बेनामी संपत्ति भी सरकार के निशाने पर है। 1 नवंबर से बेनामी एक्ट लागू हो चुका है।
देश में नोटबंदी के बाद आयकर विभाग हरकत में आ गया है। पिछले 5 दिन से ज्वेलर्स, बिल्डर्स पर आयकर विभाग की कड़ी नजर है। आयकर विभाग के अफसर कस्टमर बनकर नजर रख रहे हैं। दिल्ली-मुंबई समेत कई जगहों पर छापेमारी हो रही है। जहां गोवा में ज्वेलर्स से 90 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। वहीं कोलकाता से 3 करोड़ रुपये नकद बरामद किया गया है। ज्वेलर्स के साथ एयरपोर्ट और बिल्डर्स के लेन-देन पर भी आयकर विभाग की पैनी नजर है।