अब व्यापारियों पर भी कसेगा ED का शिकंजा, जमानत भी नहीं मिलेगी

Webdunia
मंगलवार, 11 जुलाई 2023 (12:50 IST)
ED will take action if GST is not paid: दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कुछ पहले जीएसटी (GST) को भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दायरे में ले लिया है। अब देश के किसी भी व्यापारी को केन्द्र सरकार जब चाहे जेल भेज देगी। 
 
मुख्‍यमंत्री केजरीवाल ने ट्‍वीट कर कहा- इसको तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी कौंसिल की बैठक में सब लोग इसके खिलाफ बोलेंगे। केजरीवाल ने कहा कि व्यापारियों का एक बहुत बड़ा हिस्सा जीएसटी नहीं देता, कुछ मजबूरी में, कुछ जानबूझकर। केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले GST को भी ED में शामिल कर दिया। यानी अब अगर कोई व्यापारी GST नहीं देता है तो ED उसे सीधे गिरफ्तार करेगी और बेल भी नहीं मिलेगी।
 
उन्होंने कहा कि GST प्रणाली इतनी जटिल है कि जो लोग पूरा GST भी दे रहे हैं, उन्हें भी किसी प्रावधान में फंसाकर जेल में डाला जा सकता है। यानी देश के किसी भी व्यापारी को केंद्र सरकार जब चाहे जेल भेज देगी। ये बेहद ख़तरनाक है।
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व्यापारियों का एक बहुत बड़ा हिस्सा जीएसटी नहीं देता - कुछ मजबूरी में, कुछ जानबूझकर। केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले GST को भी ED में शामिल कर दिया। यानी अब अगर कोई व्यापारी GST नहीं देता तो ED उसे सीधे गिरफ़्तार करेगी और बेल भी नहीं मिलेगी। GST प्रणाली इतनी जटिल है कि जो लोग पूरा…

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 11, 2023 >
मुख्‍यमंत्री ने कहा- व्यापारी व्यापार करने की बजाय अपने को बस ED से बचाता फिरेगा। देश के छोटे-छोटे व्यापारी भी इसकी चपेट में आ जाएंगे। कोई व्यापारी नहीं बचेगा। ये देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक है।
 
जमानत भी नहीं मिलेगी : वहीं आम आदमी पार्टी ने भी एक ट्वीट किया है- केंद्र सरकार ने 7 जुलाई को एक Notification निकाला है कि अब GST भी PMLA Act में आएगा। इसका मतलब है कि GST देने वाले व्यापारी ED के शिकंजे में आ जाएंगे। ED किसी भी बड़े-छोटे दुकानदार पर PMLA लगा देगी और उसे Bail नहीं मिलेगी। इससे तो कोई भी व्यापार नहीं कर पाएगा और देश की Economy डूब जाएगी।

जीएसटी चोली की वसूली में मिलेगी मदद : उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में धन शोधन कानून के प्रावधानों में संशोधन करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के साथ सूचना साझा करने की अनुमति दे दी है।
 
इस कदम से धन शोधन के जरिए की गई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी की वसूली में मदद मिलेगी। जीएसटीएन अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की प्रौद्योगिकी को संभालता है और रिटर्न, कर दाखिल करने के ब्योरे व अन्य अनुपालन सहित जीएसटी से संबंधित सभी सूचनाओं को रखता है।
 
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों में संशोधन के अनुसार, जीएसटीएन को उन इकाइयों की सूची में शामिल किया गया है जिनके साथ ईडी सूचना साझा करेगा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala