उल्लेखनीय है कि बुधवार को असम में एनआरसी के मुद्दे पर राज्यसभा में बोलते हुए अमित शाह ने कहा था कि असम एकॉर्ड आपके (कांग्रेस) प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने साइन किया, यह पूरी तरह एनआरसी पर ही लागू था। आप अपने प्रधानमंत्री का फैसला लागू नहीं कर पाए।
उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि किसी में भी घुसपैठियों की पहचान करने की हिम्मत नहीं थी। दअरसल, वे लोग बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाना चाहते हैं। शाह ने कहा कि असम में अवैध घुसपैठियों की पहचान जरूरी थी। कल भी हंगामें की वजह से वह अपनी बात पूरी नहीं कर पाए थे।