उनका कहना है कि उक्त संपत्तियों का नियंत्रण मेसर्स पीडी एग्रो प्रोसेसर्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स दुनार फूड्स लिमिटेड के सुरेन्द्र गुप्ता के पास था। दोनों कंपनियां एनएसईएल मामले में सबसे बड़े चूककर्ता हैं। एजेंसी का कहना है कि इस आदेश के साथ ही अभी तक मामले में 2,890 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) में कथित गड़बड़ी के इस मामले में जांच की व्याख्या करते हुए ईडी ने कहा, कंपनी मेसर्स पीडी एग्रो प्रोसेसर्स प्राइवेट लिमिटेड ने धोखाधड़ी करके एनएसईएल से भारी मात्रा में धन लिया है। उन्होंने धोखाधड़ी करके फर्जी तरीके से अपना उत्पाद (धान/गेंहू) बेचा, जिसका कोई वजूद ही नहीं था। धन का लेनदेन दिखाता है कि इस धोखाधड़ी से एकत्र किए गए धन का बड़ा हिस्सा मेसर्स दुनार फूड्स लिमिटेड के पास गया है। यह मेसर्स पीडी एग्रो प्रोसेसर्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी कंपनी है।
एजेंसी का आरोप है कि इस मामले में आरोपियों ने निवेशकों को ठगने का आपराधिक षड्यंत्र रचा, उन्हें एनएसईएल के मंच पर व्यापार करने को कहा, उन्होंने गोदामों के फर्जी रसीद बनाने, फर्जी खाते दिखाने जैसे गलत दस्तावेज बनाए और करीब 13,000 निवेशकों के विश्वास को धोखा देकर उनसे 5,600 करोड़ रुपए ठग लिए। (भाषा)