दिल्ली सरकार से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डीन दीपक के टंपी के पास एक लिफाफा आया, जिसमें यह स्पष्ट लिखा था कि यह धन प्रधानमंत्री राहत कोष में दान के लिए है। डीन ने यह पैकेट एक पत्र के साथ सतर्कता विभाग को भेज दिया।
सतर्कता विभाग ने वित्त विभाग के लेखा विभाग से इसे बारे में विचार विमर्श किया है। सूत्रों ने बताया कि लेखा विभाग मामले पर विचार कर रहा है और अगले दो तीन दिन में इस पर अपनी राय देगा। अधिकारियों को शक है कि दानदाता वक्त रहते 23,500 रुपए के पुराने नोटों को बदल नहीं पाया होगा और इसी कारण उसने उन्हें प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिया होगा। (भाषा)