नई दिल्ली। चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत को आज एके जोति की जगह अगला मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। जोति कल सेवानिवृत्त हो रहे हैं। कानून मंत्रालय ने आज बताया कि सरकार ने तीन सदस्यीय आयोग में जोति के सेवानिवृत्त होने के बाद खाली हुई जगह को भरने के लिए पूर्व वित्त सचिव अशोक लवासा को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है।
एक अन्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा हैं। मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार रावत 23 जनवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कामकाज संभालेंगे। उनका कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त होगा और तब मुख्य चुनाव आयुक्त के बाद सबसे वरिष्ठ आयुक्त अरोड़ा परंपरा के अनुसार चुनाव आयोग के प्रमुख हो सकते हैं।
अरोड़ा अप्रैल 2021 में सेवानिवृत्त होंगे और वही मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में 2019 के लोकसभा चुनावों को देख सकते हैं। चुनाव आयुक्त या मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल छह साल का होता है लेकिन यदि वे उससे पहले 65 वर्ष के हो जाते हैं तो सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
सनद रहे कि एके जोति ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले पिछले शुक्रवार को ही एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लाभ के पद के मामले में अयोग्य ठहराए जाने के संबंध में राष्ट्रपति को अपनी सिफारिश भेजी थी।
नए मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत मध्यप्रदेश कैडर के तहत साल 1977 में भारतीय प्रशासनिक सेवक (IAS) बने थे। सेवानिवृत्त IAS अधिकारी रावत BSC स्नातक और भौतिकी में MSC हैं। उन्होंने सामाजिक विकास योजना में स्नातकोत्तर उपाधि (एमएससी) भी की है, जिसे उन्होंने 1989 में ब्रिटेन से किया था। वे इंदौर कलेक्टर भी रह चुके हैं।
रावत की नियुक्ति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की है। रावत की नियुक्ति के संबंध में जारी राजपत्र में लिखा गया है कि 'राष्ट्रपति, संविधान के अनुच्छेद 324 खंड (2) के अनुसरण में ओमप्रकाश रावत को 23 जनवरी 2018 से मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त करते हैं।'
प्रमुख पदों पर काम किया है : इससे पहले भारत के चुनाव आयुक्त होने के अलावा रावत ने मध्यप्रदेश सरकार के लिए प्रमुख पदों पर काम किया है। वे प्रधान सचिव (वाणिज्य और उद्योग), मध्यप्रदेश के प्रधान सचिव, प्रधान सचिव (महिला एवं बाल विकास) प्रमुख सचिव (जनजातीय कल्याण), नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, मध्यप्रदेश के आबकारी आयुक्त भी रहे।
इनके कार्यकाल में हुए यह चुनाव : चुनाव आयोग में रावत के कार्यकाल के तहत, बिहार, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, पॉंडिचेरी, असम, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, गोवा, गुजरात और हिमाचल प्रदेश के राज्य विधान सभाओं के लिए आम चुनाव हुए। इसके अलावा राष्ट्रपति के साथ-साथ उप-राष्ट्रपति चुनाव भी उनके कार्यकाल के तहत आयोजित किए गए।