विभिन्न वेबसाइट्स के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग की बंपर सेल में भारी डिस्काउंट का लाभ रहे लोगों को सरकार झटका देने जा रही है। क्योंकि सरकार ने ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्ट को संबंधित पक्षों के समक्ष चर्चा के लिए पेश किया है। पॉलिसी के ड्राफ्ट में प्रस्ताव दिया गया है कि इस तरह की छूट को एक निश्चित तारीख के बाद रोका जाना चाहिए, ताकि सेक्टर का नियमन किया जा सके।
खबरों के मुताबिक, सरकार ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स की ओर से दिए जाने वाले भारी डिस्काउंट पर नजर बनाए रखने की तैयारी कर रही है। सोमवार को सरकार ने ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्ट को संबंधित पक्षों के समक्ष चर्चा के लिए पेश किया। तेजी से ग्रोथ कर रहे ऑनलाइन रिटेल सेक्टर को लेकर यह अपनी तरह का पहला प्रस्ताव है।
इसमें फूड डिलिवरी साइट्स जैसे स्विगी और जूमैटो को भी शामिल किए जाने की बात कही है। ऑनलाइन सर्विस ऐग्रिगेटर्स जैसे अर्बन क्लैप और फाइनैंशल सर्विसेज एवं पेमेंट ऐप पेटीएम और पॉलिसी बाजार को भी इसके तहत लाने का प्रस्ताव दिया गया है। भारत में ई-कॉमर्स कारोबार की तेजी में मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्या की बड़ी भूमिका है।
इससे उन शॉपिंग वेबसाइट्स के कारोबार पर भी असर पड़ेगा, जो ग्राहकों को सेल में आकर्षक डिस्काउंट देती हैं। इन वेबसाइटों पर घड़ी से लेकर जूते तक और कपड़ों से लेकर एक्सेसरीज तक भारी छूट पर उपलब्ध है। मिंत्रा, फ्लिपकार्ट और अमेजन इंडिया जैसी साइटों पर 'एंड ऑफ सीजन सेल' और 'एंड ऑफ रीजन सेल' नाम से 70 से 80 फीसदी तक का डिस्काउंट दिया जाता है। इतना ही नहीं इन वेबसाइटों पर मिलने वाले छूट के अलावा कुछ और भी डिस्काउंट चाहते हैं तो आपकी मदद के लिए कई दूसरी वेबसाइटें भी हैं।