Wakf Amendment Bill: विपक्षी दलों ने वक्फ संशोधन विधेयक (Wakf Amendment Bill) को लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध करते हुए गुरुवार को कहा कि यह संविधान और संघवाद पर हमला है तथा अल्पसंख्यकों (Minority) के खिलाफ है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में 'वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024' को पेश करने की अनुमति मांगी जिसके बाद विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे।
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संविधान पर हमला है। उन्होंने सवाल किया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन किया गया। क्या कोई गैर हिन्दू इसका सदस्य हो सकता है? फिर वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्य की बात क्यों की जा रही है?
विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला : वेणुगोपाल ने दावा किया कि यह विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है। उन्होंने कहा कि अभी आप मुस्लिम पर हमला कर रहे हैं, फिर ईसाई पर करेंगे, उसके बाद जैन पर करेंगे। कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि यह विधेयक महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के चुनाव के लिए लाया गया है, लेकिन देश की जनता अब इस तरह की विभाजन वाली राजनीति पसंद नहीं करती।
मुस्लिमों के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है? : वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संघीय ढांचे पर भी हमला है। समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने कहा कि मुस्लिमों के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है? उन्होंने दावा किया कि संविधान को रौंदा जा रहा है। यह आप (सरकार) बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं। इसका खामियाजा हमें सदियों तक भुगतना पड़ेगा।
सपा सांसद ने कहा कि अगर यह कानून पारित हुआ तो अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे। कहीं ऐसा नहीं हो जनता दोबारा सड़कों पर आ जाए। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि यह विधेयक अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है तथा असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाला तथा सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है।
द्रमुक सांसद के. कनिमोझी ने कहा कि यह दु:खद दिन है। आज देख रहे हैं कि यह सरकार संविधान के खिलाफ सरेआम कदम उठा रही है। यह विधेयक संविधान, संघवाद, अल्पसंख्यकों और मानवता के खिलाफ है।(भाषा)