भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने यहां दक्षिण एशियाई विदेशी संवाददाता क्लब में एक संवाद कार्यक्रम में दक्षेस और पाकिस्तान के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि अब समय आ गया है कि दक्षेस, बीबीआईएन (बंगलादेश, भूटान, भारत, नेपाल) और बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम) को कैसे प्रासंगिक बनाए रखा जाए। इस बारे में सोचा जाना चाहिए कि समस्या क्या है और उसका समाधान क्या है?
पाकिस्तान को दक्षेस से बहिष्कृत किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उपाध्याय ने कहा कि इस बारे में निर्णय लेने का वक्त अब आ चुका है तथा पाकिस्तान को खुद के बारे में भी सोचना चाहिए कि उससे क्या गलती हुई है? अगर उसे अहसास हो जाए कि गलती क्या है और उसे सुधारने के लिए वह तैयार है तो कोई समस्या नहीं है। मुख्य बात है कि उसे खुद अहसास हो।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का चरित्र होता है कि मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से उठाया जा सकता है, तो फिर लोकतंत्र में आतंकवाद की क्या जरूरत है? लोग अपने विचारों को अन्य माध्यमों से भी उठा सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि जल्द ही चीजें सुधरेंगी। (वार्ता)