पाकिस्तान का 'काला दिन' यानी 'काला चेहरा'

मंगलवार, 19 जुलाई 2016 (19:19 IST)
कश्मीर में पिछले दिनों सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए कु्ख्यात आतंकवादी बुरहानी वानी की मौत पर आंसू बहाने वाले पाकिस्तान ने 19 जुलाई यानी मंगलवार को काला दिवस मनाया है। इस हरकत से पाकिस्तान ने कहीं न कहीं आतंकवाद का खुला समर्थन किया है। दूसरी ओर सोशल मीडिया और सार्वजनिक स्थानों पर भारतीय नागरिकों ने सेना के साथ एकजुटता दिखा दिया वे हर हाल में जांबाज सैनिकों और ‍अपने देश के साथ हैं।
उल्लेखनीय है कि आतंकवादी वानी की मौत के बाद कश्मीर में भड़की हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई एवं हजारों लोग घायल हो गए। इनमें 1600 से ज्यादा संख्या तो सुरक्षाबलों के जवानों की है। पाकिस्तान से तो आतंकवादी की मौत पर आंसू बहाने की उम्मीद की जा सकती है क्योंकि वहां का प्रधानमंत्री बुरहान वानी की मौत के बाद सदमे में है। ये बात अलग है कि वहां की सेना और आईएसआई कभी भी नवाज शरीफ का तख्ता पलट कर सकती है। 
 
सबसे शर्मनाक हरकत तो उन कश्मीरियों की है, जिन्हें पिछले वर्ष बाढ़ के समय भारतीय सेना के जवानों ने अपनी जान पर खेलकर बचाया था, वही अब पत्थर और गोलियां बरसा रहे हैं। नि:संदेह कश्मीरियों मौत दुखद है, लेकिन एक आतंकी की मौत पर उनका प्रदर्शन और पत्थरबाजी का जवाब सुरक्षा बल और किस तरह देते? दुखद तो यह भी है कि कश्मीरी अपने तथाकथित नेताओं के स्याह चेहरों को नहीं पहचान पा रहे हैं।
 
विदेशी पैसे पर ऐश कर रहे ये नेता यदि इतने ही कश्मीरियों के प्रति इतने ही ईमानदार होते तो शायद मरने वालों की सूची में इनके बेटे-बेटी भी शामिल होते, लेकिन ऐसा नहीं है। मर तो सिर्फ आम कश्मीरी रहा है, इनकी औलादें तो बड़े-बड़े शहरों में उच्च शिक्षा हासिल कर रही हैं या फिर विदेशों में ऊंचे पदों पर बैठी हैं। 
इस तरह दिया सेना को समर्थन : देश के दुश्मनों से लोहा लेने वाली सेना के प्रति एकजुटता दर्शाकर भारतीय लोगों ने बता दिया वे हर हाल में सेना के साथ हैं। लोगों ने फेसबुक और व्हाट्‍सएप प्रोफाइल फोटो की जगह सेना के प्रतीक चिह्न का उपयोग किया, वहीं सेना के समर्थन में कविताएं भी लिखीं।
 
इंदौर में भी व्यस्त रीगल चौराहे पर मंगलवार को महात्मा गांधी प्रतिमा के समीप लोगों ने तिरंगा हाथ में सेना के प्रति समर्थन व्यक्त किया। शहीदों के परिवारों को इस देश का सलाम, इंडियन आर्मी को इस देश के नागरिकों का सलाम, पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नेस्तनाबूद करने के लिए भारतीय फौज को देश सलाम आदि नारे लिखे बैनर हाथ में लिए हुए थे और देशभक्ति की अलख जगा रहे थे।

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