जम्मू। पाक सेना की गोलाबारी के कारण जम्मू फ्रंटियर पर सीमा से सटी एक सड़क के निर्माण का काम रोक देना पड़ा है। यह दूसरी बार है कि पाक सेना ने अब सीमा क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्यों में अड़ंगा डालते हुए गोलाबारी कर काम में जुटे श्रमिकों को भागने पर मजबूर किया हो। यह सच है कि इस साल संघर्ष विराम के बावजूद पाक सेना ने एलओसी तथा आईबी पर 3200 बार गोले बरसाए हैं।
रक्षाधिकारियों ने बताया कि पल्लांवाला के चपरियाल गांव में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क का निमार्ण कार्य चल रहा था। ऐसे में पाकिस्तान ने चपरियाल व साथ लगते मिल्लें दी खुई इलाके को निशाना बनाकर गोले दागने शुरू कर दिए। इस दौरान दो गोले मिल्लें दी खुई गांव में गिरने से दहशत पैदा हो गई। कुछ गोले सड़क के उस भाग पर भी गिरे जहां श्रमिक कार्य कर रहे थे।
नतीजतन गोले गिरने से अफरातफरी के बीच चपरियाल गांव में सड़क निर्माण में जुटे श्रमिक भी काम छोड़कर सुरक्षित इलाकों की ओर भाग गए। पाकिस्तान की ओर से यह गोलाबारी कुछ मिनट हुई। ऐसे में क्षेत्र में सेना ने संयम बरतते हुए इस गोलाबारी का कोई जवाब नहीं दिया।
पाकिस्तान की ओर से अक्सर पल्लांवाला इलाके को निशाना बनाकर गोलाबारी की जाती है। वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान ने चपरियाल गांव को निशाना बनाकर लगातार भारी गोलाबारी की थी। ऐसे में इस गांव में बसे लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। ऐसे हालात में जब भी पाकिस्तान की ओर से क्षेत्र में ज्यादा गोलाबारी होते है तो लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित क्षेत्रों में चले जाते हैं।
वैसे यह कोई पहला अवसर नहीं है कि पाक सेना ने सीजफायर के बावजूद गोले बारसाए हों बल्कि इस साल नवम्बर महीने में 26 तारीख को अपने 17 साल पूरे करने जा रहे सीजफायर को तोड़ते हुए पाक सेना इस साल अभी तक 3200 बार गोलाबारी कर चुकी है।
केंद्र सरकार ने भी इसे माना है और कहा कि पिछले आठ महीनों में जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन की कुल 3186 घटनाएं हुईं। रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी भी दी है। नाइक ने बताया कि एक जनवरी से 31 अगस्त के बीच जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सीमा पार से गोलीबारी की 242 घटनाएं हुई हैं।
एक जनवरी से सात सितंबर के बीच जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक सीजफायर उल्लंघन की कुल 3186 घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा कि इस साल सात सितंबर तक जम्मू कश्मीर में सेना के आठ जवान मारे गए और दो अन्य घायल हो गए।