जम्मू। एलओसी (LoC) पर जारी सीजफायर के बीच होने वाली रहस्यमय गोलीबारी अर्थात स्नाइपर शॉट की घटनाओं से सेना परेशान हो उठी है। उसकी परेशानी इन घटनाओं में अभी तक उसके 136 के करीब जवानों की हुई मौत है और उसकी हालत यह है कि वह इसके लिए किसी को दोषी ठहराने की स्थिति में इसलिए नहीं है क्योंकि अगर ऐसा करती है तो सीजफायर दांव पर लग जाता है।
पिछले हफ्ते भी दो जवानों की मौत एलओसी पर स्नाइपर शॉट से हुई थी। यह कोई पहला मौका नहीं है जबकि एलओसी पर रहस्यमय गोलीबारी से किसी जवान की मौत हुई हो। पिछले 17 सालों से जारी सीजफायर की अवधि में यह 136वीं घटना है और 136 जवान शहीद हो चुके हैं, जबकि इस साल जून के बाद 7 जवानों को सेना एलओसी पर खो चुकी है।
दरअसल, इन गोलीबारी की घटनाओं के पीछे पाक सेना के वे निशानेबाज हैं जो स्नाईपर राइफलों से भारतीय जवानों को निशाना बना रहे हैं। कई बार फ्लैग मीटिंगों में भारतीय पक्ष द्वारा इस पर आपत्ति जताई जा चुकी है, लेकिन हर बार पाक सेना ऐसी किसी गोलीबारी की घटना से इंकार कर चुकी है।
नतीजतन रहस्यमयी गोलीबारी, जिसके पीछे भारतीय पक्ष के मुताबिक पक्के तौर पर पाक सेना और उसके वे आतंकी पिट्ठू हैं जो सीमा के उस पार पाक सीमा चौकियों पर शरण लिए हुए हैं, से सेना परेशान हो उठी है। ऐसी दशा में सेना के पास ऐसी रहस्यमय गोलीबारी की घटनाओं और घुसपैठ के बढ़ते दबाव से निपटने का एक ही रास्ता बचा है और वह यह है कि एलओसी पर जारी सीजफायर समाप्त हो जाए। एक सेनाधिकारी के अनुसार, सीजफायर ने पाक सेना को अपनी पोजिशनें मजबूत करने और घुसपैठ को कारगार ढंग से अंजाम देने का मौका दिया है।
फिर जब इस बारे में जानकारियां सामने आईं तो वे चौंकाने वाली थीं कि ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी अर्थात स्नाइपर शॉटों के पीछे पाक सेना के प्रशिक्षित कमांडों के साथ-साथ वे आतंकी भी थे, जिन्हें पाकिस्तानी सेना ऐसी ट्रेनिंग दे रही थी। हालांकि सीजफायर के 17 सालों के दौरान एलओसी पर स्नाइपर गोलीबारी 136 के करीब भारतीय जवानों की जानें ले चुकी है और पाकिस्तान ऐसी गोलीबारी के लिए हमेशा ही आतंकियों को दोषी ठहराता आया है।