'भारत रत्न' और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक निर्विवाद शख्सियत थे। सर्वमान्य राजनीतिज्ञ, साहित्यकार, कवि और बेहतरीन वक्ता। यहां तक कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू भी अटल बिहारी वाजपेयी से बेहद प्रभावित थे। एक बार पंडित नेहरू ने किसी विदेशी अतिथि से अटल बिहारी वाजपेयी का परिचय संभावित भावी प्रधानमंत्री के रूप में कराया था।
1957 में जब अटल बिहारी वाजपेयी बलरामपुर से सांसद चुनकर सदन में पहुंचे तो उनके भाषणों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बेहद प्रभावित किया। विदेश मामलों में अटलजी की जबर्दस्त पकड़ के नेहरूजी कायल हो गए। उस समय वाजपेयी लोकसभा में सबसे पिछली बेंचों पर बैठते थे, लेकिन इसके बावजूद पंडित नेहरू उनके भाषणों को अहमियत देते थे।
वरिष्ठ पत्रकार किंगशुक नाग ने अपनी किताब ‘अटल बिहारी वाजपेयी- ए मैन फॉर ऑल सीजन’ में अटलजी के ऐसे किस्सों का जिक्र किया है। किताब में लिखा है कि दरअसल एक बार जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आए तो पंडित नेहरू ने वाजपेयी से उनका विशिष्ट अंदाज में परिचय कराते हुए कहा- इनसे मिलिए, ये विपक्ष के उभरते हुए युवा नेता हैं। मेरी हमेशा आलोचना करते हैं, लेकिन इनमें मैं भविष्य की बहुत संभावनाएं देखता हूं।