पंडित प्रदीप मिश्रा की मुश्किलें बढ़ीं, मथुरा के संत और धर्माचार्य सुनाएंगे सजा
सोमवार, 24 जून 2024 (19:29 IST)
Pandit Pradeep Mishra troubles increased: मध्य प्रदेश में सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। दरअसल, उनके द्वारा राधारानी पर दिया गया बयान उनके लिए मुसीबत का कारण बन गया है। अब मथुरा के संतों और धर्माचार्यों ने मिश्रा को दंडित करने के लिए महापंचायत शुरू कर दी है। ALSO READ: प्रेमानंद महाराज ने प्रदीप मिश्रा को लेकर क्यों कहा, तुम किसी काम के नहीं रहोगे
पंडित मिश्रा के बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मथुरा-वृंदावन के संत-धमाचार्यों ने पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ महापंचायत बुलाई है। इस महापंचायत में संत-महंत पंडित मिश्रा के लिए सजा का ऐलान करेंगे। कुछ समय पहले विरोध स्वरूप में इंदौर में मिश्रा का पुतला भी जलाया गया था। मिश्रा के बयान सबसे पहले प्रेमानंद महाराज ने आपत्ति जताई थी। ALSO READ: पंडित प्रदीप मिश्रा की कथाओं पर रोक की मांग, क्या है चुनावों से कनेक्शन?
उन्होंने कहा था- हमें गाली देना ठीक है, लेकिन अगर आप हमारे ईष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेंगे, उनका अपमान करेंगे या उनकी अवज्ञा करेंगे, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम अपना बलिदान दे देंगे। उन्होंने आगे कहा कि प्रदीप मिश्रा बहुत ज्यादा बोल रहे हैं, उन्हें नरक में भी जगह नहीं मिलेगी। ALSO READ: शिवलिंग पर पत्ते चिपकाने का ज्ञान देने वाले पं. प्रदीप मिश्रा के सिर पर मारा नारियल, ब्रेन में आई सूजन
राधा रानी पर क्या कहा प्रदीप मिश्रा ने : पंडित मिश्रा ने एक कथा के दौरान कहा था कि राधा बरसाना की रहने वाली नहीं थीं। वे रावल गांव की निवासी थीं। बरसाना में उनके पिता का दरबार था और वह साल में एक बार वहां जाती थीं। मिश्रा ने यह भी कहा कि राधा का नाम भगवान कृष्ण की रानियों में शामिल नहीं है। राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था।
तुलसीदास को बताया गंवार : राधा रानी वाला मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था इसी बीच पंडित मिश्रा का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास को गंवार बता दिया। वीडियो में पंडित मिश्रा कहते दिखाई दे रहे हैं कि हमें कुछ नहीं आता है, हम तो तुलसीदास जैसे गंवार हैं। हम केवल शिव का नाम ले लेते हैं और आपके सामने बैठ जाते हैं। हमें कुछ नहीं आता है। पंडित मिश्रा की इस टिप्पणी की भी संत-महंतों ने काफी आलोचना की थी।