Parliament security breach: संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए हैं। सोमवार को हंगामे के चलते 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था, जबकि इस सत्र में निलंबित सांसदों की संख्या बढ़कर 92 हो गई। इन सभी सांसदों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। दूसरी ओर, सदन की कार्यवाही में मंगलवार को भी हंगामे के चलते अवरोध रहा।
संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष निलंबित सांसदों के विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, राकांपा के प्रमुख शरद पवार भी शामिल हुए। कई विपक्षी सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं जिन डेमोक्रेसी अंडर सीज (लोकतंत्र को बंधक बनाया गया) और कुछ अन्य नारे लिखे हुए थे। उन्होंने गृहमंत्री इस्तीफा दो के नारे भी लगाए गए।
खरगे ने कहा कि हम सिर्फ यही चाहते हैं कि सुरक्षा चूक के विषय पर गृहमंत्री सदन में आकर बयान दें। वह क्यों भाग रहे हैं, मुझे मालूम नहीं है। संसद का सत्र जारी है, लेकिन वह सदन के बाहर बयान दे रहे हैं। ऐसा कभी नहीं होता है। जो बातें सदन में बोलनी हैं, वह बाहर बोली जाती हैं तो इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक प्रणाली को खत्म करने का षड्यंत्र है तथा पहले गुजरात में भी इसी तरह से विधानसभा चलाई जाती थी।