नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चौथे मुजरिम पवन कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर कर मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है।
पवन कुमार गुप्ता को भी 3 अन्य मुजरिमों के साथ 3 मार्च को सवेरे 6 बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिए सत्र अदालत ने मृत्यु वारंट जारी किया है।
पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह ने बताया कि उनके मुवक्किल ने सुधारात्मक याचिका में कहा है कि उसे मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए।
पवन चारों मुजरिमों में अकेला है जिसने अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर करने और इसके बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया था।
दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में 6 व्यक्तियों ने चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह जख्मी हालत में उसे सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया का बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में निधन हो गया था।
इस सनसनीखेज अपराध के 6 आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था जिसे तीन साल सुधारगृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।
अलग-अलग फांसी के लिए गृह मंत्रालय की याचिका : निर्भया मामले में गृह मंत्रालय की ओर से भी एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। इस याचिका पर 5 मार्च को फिर सुनवाई होगी।
याचिका में मांग की गई थी कि दिल्ली गैंगेरप और हत्या मामले में मौत की सजा पाए दोषियों को अलग-अलग फांसी देने का निर्देश दिया जाए।