India name: कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन के लिए 'इंडिया' (India) नाम के इस्तेमाल के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में एक याचिका का नई दिल्ली में मंगलवार को विरोध करते हुए कहा कि यह राजनीति से प्रेरित होकर दायर की गई है और इसे भारी जुर्माना लगा कर खारिज कर दिया जाए।
कांग्रेस ने कहा कि याचिकाकर्ता याचिका का यह आधार स्थापित करने में विफल रहा है कि विपक्षी गठबंधन के संक्षिप्त नाम ('इंडिया') ने मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा किया है तथा उन्हें केवल इस नाम के आधार पर और राष्ट्रीय कर्तव्य निभाने के तौर पर उसके लिए वोट देने के वास्ते गुमराह किया है।
कांग्रेस ने याचिका पर दाखिल किए अपने जवाब : कांग्रेस ने याचिका पर दाखिल किए गए अपने जवाब में कहा कि याचिकाकर्ता वैश्विक राजनीति में राष्ट्र की घटती साख के तौर पर (विपक्षी) गठबंधन के संक्षिप्त नाम के रूप में 'इंडिया' शब्द के उपयोग के बारे में कोई साक्ष्य मुहैया करने में भी नाकाम रहा है। यह जवाब एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर दाखिल किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेन्टल इनक्लूसिव अलायंस) शब्द का उपयोग कर पक्षकार हमारे देश के नाम का अनुचित फायदा उठा रहे हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी एस अरोड़ा की पीठ याचिका पर बुधवार को सुनवाई करने वाली है। उच्च न्यायालय ने गिरीश भारद्वाज द्वारा दायर याचिका पर जवाब देने के लिए दो अप्रैल को केंद्र और कई विपक्षी दलों को आखिरी मौका दिया था।
कांग्रेस ने अपने जवाब में कहा कि याचिकाकर्ता ने कर्नाटक का 30 वर्षीय कारोबारी होने का दावा किया है, लेकिन उसने जानबूझकर इस तथ्य को छिपाया कि वह विश्व हिंदू परिषद (विहिप) से करीब से जुड़ा हुआ है और साथ ही, दलीलों पर गौर करने से यह स्पष्ट होता है कि इस याचिका को दायर करने का एक मकसद अपनी राजनीतिक संबद्धता को मजबूत करना है।
याचिका राजनीति से प्रेरित है : कांग्रेस ने जवाब में कहा कि इसलिए वर्तमान याचिका न केवल राजनीति से प्रेरित याचिका है, बल्कि याचिकाकर्ता की राजनीतिक तिकड़म को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक जनहित याचिका की आड़ में दायर की गई है। इसलिए, व्यक्तिगत और राजनीतिक रूप से प्रेरित होने के कारण यह भारी जुर्माना लगाकर खारिज किए जाने योग्य है। कांग्रेस ने कहा कि याचिकाकर्ता कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं दिखा सका है जो प्रतिवादी पक्षों को यह नाम रखने से रोकता हो।
पार्टी ने कहा कि याचिका कुछ और नहीं, बल्कि याचिकाकर्ता द्वारा जनहित की आड़ में इस न्यायालय को राजनीति और चुनाव के मामलों में उलझाने का एक दुर्भावनापूर्ण और तुच्छ प्रयास है और इसलिए, भारी जुर्माना लगाकर इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए।