प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने अधिवक्ता मनोहरलाल शर्मा की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह इस पर विचार करने की इच्छुक नहीं है। मनोहरलाल शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से यह याचिका दायर की थी। शर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि संविधान में पूर्ण बजट और लेखानुदान पेश करने का ही प्रावधान है।
शीर्ष अदालत ने भारतीय रिजर्व बैंक से संबंधित एक मुद्दे को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने पर पिछले साल दिसंबर में मनोहरलाल शर्मा पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी किया था। (भाषा)