बड़ी खबर! पेट्रोल 9.5 रुपए, डीजल 7 रुपए हुआ सस्ता, गैस सिलेंडर पर मिलेगी सब्सिडी

Webdunia
शनिवार, 21 मई 2022 (18:58 IST)
नई दिल्ली। ईंधन उत्पादों की लगातार बढ़ती कीमतों से आम जनजीवन पर पड़ रहे असर को देखते हुए सरकार ने शनिवार को पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में क्रमशः 8 रुपए एवं 6 रुपए प्रति लीटर तक की कटौती करने की घोषणा की।
 
उत्पाद शुल्क में की गई इस कटौती से पेट्रोल व्यावहारिक स्तर पर 9.5 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो जाएगा जबकि डीजल की कीमत में प्रति लीटर 7 रुपए तक की कमी हो जाएगी। ऐसा उत्पाद शुल्क की दर पर लगने वाले अन्य करों में कमी आने की वजह से होगा।
 
दिल्ली में पेट्रोल 100 रुपए से नीचे : शुल्क कटौती प्रभावी होने के बाद दिल्ली में रविवार से पेट्रोल की कीमत 95.91 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी जबकि इसकी मौजूदा कीमत 105.41 रुपए प्रति लीटर है। वहीं डीजल 89.67 रुपए प्रति लीटर के भाव पर बिकने लगेगा जो अभी 96.67 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर मिल रहा है।
 
इसके साथ ही सरकार ने घरों में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलेंडर पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी देने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को एक साल में 12 गैस सिलेंडरों पर यह सब्सिडी दी जाएगी।

सब्सिडी मिलने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में 14.2 किलोग्राम वजन वाले रसोई गैस सिलेंडर की प्रभावी कीमत घटकर 803 रुपए हो जाएगी। अभी दिल्ली में एक एलपीजी सिलेंडर 1,003 रुपए की कीमत में मिलता है। लाभार्थियों को यह सब्सिडी उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी, जिससे सिलिंडर की प्रभावी कीमत सामान्य सिलिंडर से 200 रुपए कम रहेगी। 
 
हालांकि सरकार जून, 2000 से ही गैस सिलिंडर पर कोई सब्सिडी नहीं दे रही थी। इसकी वजह से उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी बाजार कीमत पर ही रसोई गैस सिलिंडर खरीदना पड़ रहा था। लेकिन एक सिलिंडर की कीमत 1,000 रुपए के पार पहुंचने के बाद आम आदमी के लिए इसे खरीद पाना खासा मुश्किल हो गया था।
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We are reducing the Central excise duty on Petrol by Rs 8 per litre and on Diesel by Rs 6 per litre. This will reduce the price of petrol by Rs 9.5 per litre and of Diesel by Rs 7 per litre: Union Finance Minister Nirmala Sitharaman

(File Pic) pic.twitter.com/13YJTpDGIf

— ANI (@ANI) May 21, 2022 >
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने और गैस सब्सिडी देने के इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग मंच ट्विटर पर जारी संदेश में इन फैसलों की घोषणा की। पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें बढ़ने के अलावा रसोई गैस की कीमतें भी लगातार बढ़ी हैं। इसकी वजह से लोगों के बजट पर बुरा असर पड़ रहा था। इसको देखते हुए तमाम जानकार एवं विपक्षी दल ईंधन कीमतों में कटौती की मांग कर रहे थे।
 
महंगाई बढ़ी : आर्थिक विशेषज्ञों का कहना था कि पेट्रोल एवं डीजल के दाम बढ़ाने से जरूरी चीजों का भी आवागमन महंगा हो गया है, जिससे उनके दाम बढ़ गए हैं। इसका असर थोक एवं खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों में आई तेजी के रूप में भी देखने को मिला। बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक को भी रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी करनी पड़ी है।
 
सरकार ने इसके पहले 4 नवंबर, 2021 को भी पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी। लेकिन मार्च, 2022 के दूसरे पखवाड़े से पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई थी जिसके लिए रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में हुई वृद्धि को जिम्मेदार बताया गया।
 
बहरहाल उत्पाद शुल्क में ताजा कटौती होने के बाद पेट्रोल पर केंद्रीय कर घटकर 19.9 रुपए प्रति लीटर रह गया है जबकि डीजल के मामले में यह 15.8 रुपए प्रति लीटर है। 
 
सरकारी तेल विपणन कंपनियां उत्पाद शुल्क में इस कटौती का लाभ सीधे ग्राहकों तक पहुंचाएंगी। हालांकि इस फैसले की वजह से उन्हें पेट्रोल पर 13.08 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 24.09 रुपए प्रति लीटर का नुकसान उठाना होगा। ऐसा कच्चे तेल की लागत बढ़ने के बावजूद होल्डिंग दरों के स्थिर रहने के कारण होगा।
 
सीतारमण ने अपने ट्वीट में कहा कि हम पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपए प्रति लीटर तक की कटौती और डीजल पर 6 रुपए तक की कटौती कर रहे हैं। इससे पेट्रोल 9.5 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो जाएगा, जबकि डीजल के दाम में 7 रुपए प्रति लीटर की कमी आएगी।
 
इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री ने भरोसा जताया कि राज्यों की सरकारें भी अपने स्तर पर पेट्रोल-डीजल पर लागू करों में कटौती करने की दिशा में आगे बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के ऐसा करने से आम आदमी को राहत मिलेगी।
 
दुनिया मुश्किल दौर में : सीतारमण ने कहा कि आज दुनिया मुश्किल दौर से गुजर रही है। दुनिया अभी कोविड महामारी से उबर ही रही है कि यूक्रेन संघर्ष ने आपूर्ति शृंखला से जुड़ी समस्याएं पैदा कर दी हैं और कई उत्पादों की किल्लत हो गई है। इससे कई देशों में मुद्रास्फीति और आर्थिक तनाव की स्थिति पैदा हो रही है।
 
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुश्किल समय में भी अपने नागरिकों को राहत देने के लिए कदम उठाए हैं और पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने एवं गैस सिलिंडर पर सब्सिडी देने का फैसला उसी की एक कड़ी है।
 
पुरी ने किया स्वागत : पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि दूसरी बार उत्पाद शुल्क घटाए जाने के बावजूद महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड एवं केरल जैसे राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दाम भाजपा-शासित राज्यों की तुलना में 10-15 रुपए प्रति लीटर तक अधिक बने रहेंगे।
 
अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट जैसे स्थानीय करों में भिन्नता के कारण कीमतों में अंतर देखा जाता है। पुरी ने इसी का जिक्र करते हुए कहा कि अपने राज्यों में वैट की दर घटाने से इनकार करने की वजह से गैर-भाजपा शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अधिक हैं। अब समय आ गया है कि ये राज्य भी वैट में कटौती कर लोगों को राहत दें।