श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ईपीएफ योजना 1952 में संशोधन के बाद सरकार अथवा आवासीय एजेंसी या प्राथमिक ऋण देने वाली एजेंसी या फिर संबंधित बैंकों को बकाया भुगतानों या फिर ब्याज की वापसी के लिए मासिक किस्तों का भुगतान भी सदस्य के जमा खाते की धनराशि से किया जा सकेगा।
दत्तात्रेय ने बताया कि वर्ष 2015-16 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2016 को ईपीएफ सदस्य खातों की कुल संख्या 17.14 करोड़ है। वर्ष 2015-16 के दौरान औसतन, अंशदान 3.76 करोड़ सदस्यों के संबंध में प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत भविष्य निधि (पीएफ) खाते से निकासी की सुविधा केवल उन्हीं पीएफ सदस्यो को उपलब्ध होगी जो निर्धारित शर्तों को पूरा करते हों। (भाषा)