उन्होंने बताया कि पहले के पिनाक में दिशा-निर्देशन प्रणाली नहीं थी, उसे अब उन्नत कर दिशा-निर्देशन प्रणाली से लैस किया गया है। इस सिलसिले में हैदराबाद रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) ने नौवहन, दिशानिर्देशन एवं नियंत्रण किट विकसित किया था। आरसीआई रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अंतर्गत आता है।
सूत्र ने कहा कि गाइडेड पिनाक की सफलता इस सुविधा से बिना लैस प्रणालियों को बिल्कुल सटीकता वाले हथियारों में बदलने में देश की प्रौद्योगिकीय ताकत को रेखांकित करती है। पिनाक को पुणे के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट, आरसीआई और हैदराबाद के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेटरी ने मिलकर तैयार किया है। (भाषा)