गोयल ने कहा कि इसके बावजूद सरकार यह मानती है कि गलती हो जाती है। सरकार विपक्ष का साथ चाहती है लेकिन इसके लिए निलंबित सदस्यों को माफी मांगनी होगी और सदन के सुचारु संचालन का आश्वासन देना होगा। सरकार निलंबन के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। इससे पूर्व उन्होंने सदन के पिछले सत्र के दौरान विभिन्न घटनाओं का सिलेसिलेवार ब्योरा देते हुए कहा कि सभापति पर आरोप लगाना खेदजनक है। सदस्यों के व्यवहार से सदन और सभापति की मर्यादा तथा गरिमा कम हुई है। इसके लिए उन्हें सदन और देश से माफी मांगनी चाहिए।
सदस्यों ने न केवल सदन की गरिमा भंग की बल्कि सुरक्षाकर्मियों, सहायक कर्मियों, राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की और उन पर हमला किया। इससे एक महिला कर्मचारी घायल तक हो गई। इन सदस्यों ने सत्तापक्ष के सदस्यों पर हमला करने तक का प्रयास किया। सदन के नेता और संसदीय कार्यमंत्री को सदन में प्रवेश नहीं करने दिया।