नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धन तेरस पर रोजगार मेले के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में हाल में चयनित 51,000 से अधिक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एक ऐसी व्यवस्था बनाने पर काम कर रही है जिससे हर युवा को अवसर मिले और वे अपनी आकांक्षाओं को पूरा कर सकें।
प्रधानमंत्री ने नई प्रौद्योगिकियों और अंतरिक्ष तथा सेमीकंडक्टर जैसे आधुनिक क्षेत्रों की मौजूदगी को बढ़ावा देने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों के बारे में बात की ताकि रोजगार के नए अवसर पैदा हों।
मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में नीति और नीयत का अभाव था जिसकी वजह से भारत आधुनिक प्रौद्योगिकियों समेत उभरते क्षेत्रों में दुनिया से पीछे होता जा रहा था। उन्होंने कहा कि तब पुरानी और अनुपयोगी हो चुकी तकनीकों को देश में लाया जाता था।
मोदी ने कहा कि हमने देश को पिछली सरकारों की पुरानी मानसिकता से मुक्त करने के लिए काम शुरू किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अधिक से अधिक लोगों को नौकरियां देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि पानी और गैस पाइपलाइन बिछाई जा रही है और स्कूल-विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास कार्य न केवल लोगों को सुविधाएं दे रहे हैं, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहे हैं।
धनतेरस के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि यह दिवाली इसलिए खास होने जा रही है क्योंकि यह पहली बार होगा जब भगवान राम अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में होंगे। इस पल का इंतजार करते हुए कई पीढ़ियां बीत गईं।
रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए उन्होंने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का उल्लेख किया। उन्होंने युवाओं के लिए प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार की निगरानी में 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप शुरू किए गए हैं, जिसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में एक करोड़ से अधिक युवाओं को इसमें शामिल करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इंटर्नशिप योजना के तहत भारत की शीर्ष 500 कंपनीज में पैड इंटर्नशिप का प्रावधान किया गया है। हर इंटर्न को एक साल तक पांच हजार रूपए प्रतिमाह दिए जाएंगे।
मोदी ने कहा कि भारत ने आव्रजन की सुविधा और भारतीय युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए 21 देशों के साथ समझौते किए हैं। उन्होंने सरकारी अधिकारियों से कहा कि वे खुद को इस तरह से पेश करें कि उन्हें दुनिया भर में एक उदाहरण के रूप में पेश किया जाए।