नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 41वीं बार मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा...
* कैलेंडर के लिए यूरोपियन यूनियन को धन्यवाद।
* यूरोपियन यूनियन के कैलेंडर में इस साल भारतीयों के काम का जिक्र।
* पद्म पुरस्कार अब सामान्य लोगों को मिल रहा है।
* आज आम आदमी बगैर सिफारिश के सफल हो रहा है।
* पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से पारदर्शिता आई।
* पद्म पुरस्कारों के लिए अब चेहरे नहीं, प्रतिभा का ध्यान।
* पद्म पुरस्कारों की पूरी प्रक्रिया बदली गई।
* इससे न सिर्फ दवाइयां सस्ती मिल रही हैं, बल्कि व्यक्तिगत एंटरप्रोन्यरशिप के लिए भी रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
* देशभर में तीन हजार से ज्यादा औषधि केंद्र स्थापित।
* जन औषधि योजनाओं के माध्यम से दवाएं सस्ती मिल रही है।
* प्रधानमंत्री जन औषधि योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है।
* समाज से कुरुतियां खत्म करने का संकल्प लें लोग।
* समाज के सभी लोगों को विकास का लाभ मिले, इसके लिए कुरीतियों को समाप्त करना जरूरी है।
* दहेज के खिलाफ बिहार की पहल सराहनीय।
* महात्मा गांधी के विचार एवं सिद्धांत आज भी प्रासंगिक।
* जन आंदोलनों से बड़े बदलाव संभव।
* नारी शक्ति के लिए कुछ भी असंभव नहीं।
* सकारात्मक बदलाव में महिलाओं की भूमिका सराहनीय।
* दंतेवाड़ा के माओवाद प्रभावित इलाकों की तस्वीर बदल रही है।
* छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं ने देश के सामने नई तस्वीर पेश की।
* महिलाओं की कामयाबी पर किताब नरेंद्र मोदी एप पर उपलब्ध।
* महिलाओं ने कई क्षेत्रों में असाधारण प्रदर्शन किया।
* मुंबई का माटुंगा स्टेशन देश का ऐसा पहला स्टेशन है जहां सारी महिला कर्मचारी हैं।
* सकारात्मक बदलाव में महिलाओं की विशेष भूमिका।
* नारी परिवार, समाज और देश के एक सूत्र में बांधती है।
* नारी शक्ति हमें हमेशा से प्रेरित करती रही है।
* चाहे वैदिक काल की विदुषियां लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी की विद्वता हो या अक्का महादेवी और मीराबाई का ज्ञान और भक्ति हो, चाहे अहिल्याबाई होलकर की शासन व्यवस्था हो या रानी लक्ष्मीबाई की वीरता, नारी शक्ति हमेशा हमें प्रेरित करती आई है।
* पुराणों में कहा गया है कि एक बेटी दस बेटों के बराबर है। नारी शक्ति का रूप है।
* सदियों पहले हमारे शास्त्रों में, स्कन्द-पुराण में कहा गया है- दशपुत्र, समाकन्या, दशपुत्रान प्रवर्धयन। यत् फलं लभतेमर्त्य, तत् लभ्यं कन्यकैकया।
* 1 फरवरी को कल्पना चावला की पुण्यतिथि, उन्हें कम उम्र में खोना दुखद।
* उन्होंने अपने जीवन से पूरे विश्व में, खासकर भारत की हजारों लड़कियों को, यह संदेश दिया कि नारी-शक्ति के लिए कोई सीमा नहीं है।
* कोलंबिया अंतरिक्ष यान दुर्घटना में वे हमें छोड़कर चली गई।
* कल्पना चावला लाखों लोगों को प्रेरणा दे गई।
* 26 जनवरी को बीएसएफ की सीमा भवानी ने हैरत में डाला।
* देश की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।
* पहली बार गणतंत्र दिवस पर 10 आसियान देशों के नेता मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
* दो दिन पहले उत्साह से गणतंत्र दिवस मनाया।