इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल व्यवस्था नहीं है, सहकारिता एक भावना है, एक स्पिरिट है। सहकारिता की ये स्पिरिट कई बार व्यवसायों और संसाधानों की सीमाओं से परे आश्चर्यजनक परिणाम देती हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि सहकार, जीवनयापन से जुड़ी एक सामान्य व्यवस्था को बड़ी औद्योगिक क्षमता में बदल सकता है। ये देश की अर्थव्यवस्था, खासकर ग्रामीण और कृषि से जुड़ी अर्थव्यवस्था के कायाकल्प का एक प्रमाणिक तरीका है। आज हमने अपने किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना शुरू की है। आज 18 हजार PACS के कंप्यूटरीकरण का बड़ा काम भी पूरा हुआ है।
उन्होंने कहा कि आज देश में भी डेयरी और कृषि में सहकार से किसान जुड़े हैं, उनमें करोड़ों की संख्या में महिलाएं ही हैं। महिलाओं के इसी सामर्थ्य को देखते हुए सरकार ने भी सहकार से जुड़ी नीतियों में उन्हें प्राथमिकता दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव कॉपरेटिव सोसायटी एक्ट में सुधार लाया गया है। इसके तहत सोसायटी के वार्ड में महिला डायरेक्टर होना अनिवार्य कर दिया गया है। हमारे देश में संसद में अगर नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास होता है, तो बड़ी चर्चा होती है। लेकिन ये उतनी ही ताकत वाला महत्वपूर्ण कानून हमने बनाया है, लेकिन बहुत कम लोग इसकी चर्चा करते हैं।