रमेश (Ramesh) ने दावा किया कि मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के कार्यकाल में देश ने जितनी उपलब्धि हासिल की और जितनी प्रगति की, वह प्रधानमंत्री मोदी के 'अन्याय काल' के 3 वर्षों के भीतर ही लगभग पूरी तरह से उलट गई है।
रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि वर्ष 2004-05 और 2017-18 के बीच भारत में कृषि श्रमिकों की संख्या में 6.7 करोड़ की गिरावट आई थी। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि श्रमिकों ने विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में ज्यादा वेतन वाले कामों के लिए कम वेतन वाले कृषि क्षेत्र के काम को छोड़ा था। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी और भारत को मध्यम आय वाला देश बनाने की दिशा में इसका महत्वपूर्ण योगदान था।
मनमोहन सिंह का कार्यकाल उत्तम था : उन्होंने दावा किया कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में देश ने जितनी उपलब्धि हासिल की और जितनी प्रगति की, वह प्रधानमंत्री मोदी के 'अन्याय काल' के 3 वर्षों के भीतर ही लगभग पूरी तरह से उलट गई है। रमेश के मुताबिक 2018-19 के बाद से कृषि श्रमिकों की संख्या 6 करोड़ बढ़ गई है और यह कोविड 19 महामारी से पहले ही हो रहा था।
आर्थिक सुधार को 20 साल पीछे धकेला: उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास का अर्थ कृषि से लेकर उद्योग और सेवा तक हर क्षेत्र में रोजगार का अवसर बढ़ना है। यह वह क्रम है जिसका सभी देश अनुसरण करते हैं और भारत ने भी अब तक इसका अनुसरण किया है। कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि भारत को समृद्धि की राह पर ले जाने के बजाय प्रधानमंत्री की लगातार गलत नीतियों और कुप्रबंधन ने हमारे आर्थिक सुधार को 20 साल पीछे धकेल दिया है।(भाषा)