पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में अनेक छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों के साथ मर्ज करके, उनकी कैपेसिटी, कैपेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी, हर प्रकार से सशक्त की गई है। जब RBI, को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करेगा तो, उससे भी इनके प्रति सामान्य जमाकर्ता का भरोसा और बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी देश समस्याओं का समय पर समाधान करके उन्हें विकराल होने से बचा सकता है। लेकिन वर्षों तक हमारे यहां ये प्रवृत्ति रही की समस्या है, इसे टाल दो। आज का नया भारत समस्या के समाधान पर जोर लगाता है, समस्या को टालता नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि कानून में संसोधन करके एक और समस्या का समाधान करने की कोशिश की है। पहले जहां पैसा वापसी की कोई समयसीमा नहीं थी, अब हमारी सरकार ने इसे 90 दिन यानि 3 महीने के भीतर अनिवार्य किया है। बैंक डूबने की स्थिति में भी, 90 दिन के भीतर जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले लोगों को किसी बैंक से फंसा अपना ही पैसा प्राप्त करने में वर्षों लग जाते थे। हमारे निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग और गरीबों ने इस समस्या को झेला है। इस स्थिति को बदलने के लिए हमारी सरकार ने बहुत संवेदनशीलता के साथ बदलाव किए, रिफॉर्म किए।