मोदी ने आज़ाद हिंद फौज की स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित हुए कहा कि नेताजी को प्रेरणा स्वामी विवेकानंद से मिली थी और 15-16 वर्ष की उम्र में ही उनमें देशप्रेम की भावना जग गई थी और मां भारती को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए बेचैन हो गए थे। शुरू में वे गांधी जी के साथ थे पर बाद उन्होंने सशत्र क्रांति का रास्ता अपनाया और आज़ाद हिंद फौज की स्थापना की जिसका अपना बैंक, मुद्रा और डाकटिकट भी था।