पूर्व विदेश मंत्री स्वराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मोदी ने फेसबुक पर पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा कि अभी मैं जालंधर से रैली करके लौट रहा हूं। आज सुषमाजी की जयंती है। मुझे उनसे जुड़ा एक बहुत पुराना वाकया अचानक याद आया तो सोचा आपसे शेयर करूं। मोदी ने बताया कि करीब 25 साल पहले की बात होगी, जब मैं भाजपा में संगठन का काम करता था और सुषमाजी गुजरात में चुनावी दौरे पर थीं। मेरा जो गांव है वडनगर, वहां वो गईं तो मेरी मां से भी मिलीं। उस समय हमारे परिवार में मेरे भतीजे के घर एक बेटी का जन्म हुआ था।
उन्होंने लिखा कि ज्योतिष लोगों ने नक्षत्र देखकर उसका नाम निकाला और फिर नाम तय हुआ। घर वालों ने भी तय कर लिया था कि जैसा वो लोग कह रहे हैं, वैसा ही करेंगे। प्रधानमंत्री ने लिखा कि लेकिन मेरी मां ने सुषमाजी से मिलने के बाद कहा कि बेटी का नाम सुषमा ही रखा जाएगा। मेरी मां बहुत पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन वो विचारों से बहुत आधुनिक हैं। और उस समय उन्होंने जिस तरह सबको निर्णय सुनाया, वो भी मुझे आज तक याद है।