नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज का भारत जिस साइंटिफिक अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है, हम उसके नतीजे भी देख रहे हैं। साइंस के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के टॉप देशों में शामिल हो रहा है। वैश्विक नवाचार सूचकांक (ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स) में उसका रैंक 2015 में 81 था जो 2022 में 40 हो गया।
प्रधानमंत्री ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में विज्ञान का मकसद, भारत को आत्मनिर्भर बनाना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। साइंस में पैशन के साथ जब देश की सेवा का संकल्प जुड़ जाता है तो नतीजे भी अभूतपूर्व आते हैं।
भारत की 21वीं शताब्दी में हमारे पास 2 वस्तुओं का भंडार है। पहला डाटा और दूसरा तकनीक। वे दोनों ही चीजे भारत के विज्ञान को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में एक्सट्रा मोरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हुई है। महिलाओं की ये बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि समाज भी आगे बढ़ रहा है और साइंस भी आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि अभी भारत को G-20 अध्यक्षता की जिम्मेदारी मिली है। G-20 के प्रमुख विषयों में भी वुमन लीड डेवलपमेंट एक बड़ी प्राथमिकता का विषय है। बीते 8 वर्षों में भारत ने गवर्नेंस से लेकर सोसाइटी और इकोनॉमिक तक इस दिशा में कई ऐसे असाधारण काम किए हैं, जिनकी आज चर्चा हो रही है।
उन्होंने कहा कि आज देश की सोच केवल यह नहीं है कि साइंस के जरिए वुमन इम्पावरमेंट करें, बल्कि वुमन की भागीदारी से साइंस का भी इम्पावरमेंट करें। साइंस और रिसर्च को नई गति दें, यह हमारा लक्ष्य है।