पीएम मोदी जन्मदिन पर देंगे ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की सौगात, जानिए क्या है इसमें खास

Webdunia
रविवार, 17 सितम्बर 2023 (08:35 IST)
PM Vishwakarma yojana : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi Birthday) रविवार को अपने जन्मदिन पर कारीगरों और शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने वाली ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करेंगे।  आज विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti) भी है।

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पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री राजधानी के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर (IICC) में इस योजना की शुरुआत करेंगे।
 
 
इस योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के अभ्यास को बढ़ावा देना और मजबूत करना तथा गुणवत्ता के साथ-साथ उनके उत्पादों और सेवाओं की पहुंच में सुधार करना भी है।
 
 
 
‘पीएम विश्वकर्मा’ के तहत 18 पारंपरिक शिल्प को कवर किया जाएगा। इनमें बढ़ई (सुथार), नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, चर्मकार)/जूता बनाने वाला/फुटवियर कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं।
 
इसके तहत, ‘विश्वकर्मा’ (कारीगरों व शिल्पकारों) को बायोमेट्रिक आधारित ‘पीएम विश्वकर्मा पोर्टल’ का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से नि:शुल्क पंजीकृत किया जाएगा।
 
 
 
उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी और कौशल उन्नयन के लिए बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
 
इस योजना के तहत लाभार्थियों को 15,000 रुपए का टूलकिट प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा।
 
 
 
पीएमओ के अनुसार, योजना के तहत लाभार्थियों को 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख रुपए (पहली किश्त) और 2 लाख रुपए (दूसरी किश्त) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के अभ्यास को बढ़ावा देना और मजबूत करना है।
 
इस योजना का उद्देश्य गुणवत्ता के साथ-साथ विश्वकर्मा समुदाय के लोगों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच में सुधार करना भी है। 
 
यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी।
 
 

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