इमरोज़ को इंद्रजीत सिंह के नाम से भी जाना जाता था और वह मशहूर लेखिका और कवयित्री अमृता प्रीतम के साथ अपने संबंधों को लेकर चर्चा में आए थे। दोनों ने कभी अपने रिश्ते को कोई दुनियावी नाम नहीं दिया, लेकिन दोनों करीब चालीस साल एक-दूसरे के साथ रहे।
अमृता प्रीतम और इमरोज़ की पुत्रवधू अलका क्वात्रा ने मुंबई से फोन पर उनके (इमरोज) के निधन की पुष्टि की। क्वात्रा ने बताया कि आज सुबह लगभग साढ़े पांच बजे इमरोज ने मुंबई में अपने घर पर अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार दोपहर बाद परिजनों की मौजूदगी में किया गया। अलका, अमृता प्रीतम के पूर्व पति प्रीतम सिंह से पैदा हुए बेटे नवराज की पत्नी हैं। नवराज का भी निधन हो चुका है।
दोनों 40 साल तक एक-दूसरे के साथ रहे, लेकिन कभी अपने रिश्ते को शादी के बंधन में बांधने की कोशिश नहीं की। अमृता उन्हें प्यार से जीत कहकर बुलाती थीं। अमृता की जिंदगी के अंतिम दिनों में इमरोज साए की तरह उनके साथ नजर आते थे।
इमरोज, अमृता से इतनी मोहब्बत करते थे कि उन्होंने उनके लिए 'अमृता के लिए नज्म जारी है' नाम की किताब भी लिखी थी, जिसे 2008 में प्रकाशित किया गया था। जब अमृता बीमार थीं, तब ये कविता इमरोज के लिए लिखी थी : मैं तैनू फ़िर मिलांगी कित्थे? किस तरह पता नई शायद तेरे ताखियल दी चिंगारी बण के तेरे केनवास ते उतरांगी। (भाषा)
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Edited By : Chetan Gour