अभिभाषण में पेपर लीक, आपातकाल और संविधान पर क्या बोलीं राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 27 जून 2024 (12:42 IST)
नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मोदी सरकार 3.0 का खाका पेश किया। इस दौरान उन्होंने सीएए, पेपर लीक, आपातकाल और संविधान का भी जिक्र किया। ALSO READ: अभिभाषण में बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू, आगामी बजट में उठाए जाएंगे कई ऐतिहासिक कदम
 
राष्‍ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है। इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है। जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं।
 
उन्होंने अपने अभिभाषण में पेपर लीक का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र की सरकार पेपर लीक की निष्पक्ष जांच करेगी। पेपर लीक मामले की जांच को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि संसद ने पेपर लीक कानून भी बनाया है और पेपर लीक के दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। 
 
राष्‍ट्रपति ने कहा कि पेपर लीक और परीक्षाओं में अनियमितताओं के मामलों की उच्च स्तर पर जांच की जा रही है; दलगत राजनीति से ऊपर उठने की जरूरत है। सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता जरूरी है।  ALSO READ: कश्मीर में मतदान के रिकॉर्ड टूटे, घाटी ने दिया दुश्मनों को करारा जवाब : राष्ट्रपति मुर्मू
 
राष्ट्रपति ने अपने 55 मिनट के अभिभाषण में कहा कि देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर अनेक बार हमले हुए। उन्होंने कहा कि आज 27 जून है। 25 जून, 1975 को लागू हुआ आपातकाल, संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। तब पूरे देश में हाहाकार मच गया था।
 
राष्‍ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती, बल्कि हमारा संविधान जन-चेतना का हिस्सा हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। इसी ध्येय के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अब जम्मू-कश्मीर में भी संविधान पूरी तरह लागू हो गया है, जहां (पहले) अनुच्छेद 370 की वजह से स्थितियां कुछ और थीं।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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